तलवार के बल से न कोई भाषा चलाई जा सकती है न मिटाई। - शिवपूजन सहाय।
 
अमरकांत जयंती | 1 जुलाई
   
 

दोपहर का भोजन, डिप्टी कलेक्टरी, जिंदगी और जोंक, बीच की दीवार जैसी कालजयी रचनाओं के लेखक, हिन्दी कथा साहित्य में प्रेमचंद की परंपरा को आगे बढ़ाने वाले अमरकांत का जन्म 1 जुलाई, 1925 को नगरा गाँव, तहसील रसड़ा, बलिया ज़िला (उत्तर प्रदेश) के एक कायस्थ परिवार में हुआ था।

 
 
 
 

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