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Total Number Of Record :1प्यार भरी बोली | होली हास्य कविता
होली पर हास्य-कवि जैमिनी हरियाणवी की कविता
होली के दिन ये क्या ठिठोली है
छुट्टी अपनी तो आज हो ली है
देह बन्दूक सी दिखे तेरी
और चितवन ज्यूँ लगे गोली है।
एक बिल्ली-सी आँख खोली है
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