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Total Number Of Record :2जै-जै कार करो
ये भी अच्छे वो भी अच्छे
जै-जै कार करो
डूब सको तो
चूल्लू भर पानी में डूब मरो
लेकर आप बिराजै लड्डू
दोनों हाथों में
मुँह के मीठे
अवसरवादी
रिश्ते-नातों में
अब तो मुई सफ़ेदी आई
कुछ तो शर्म करो
भीतर चुप्प मुखौटे बोले
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कविता ज़िन्दाबाद हमारी कविता ज़िन्दाबाद
कविता ज़िन्दाबाद हमारी कविता ज़िन्दाबाद!
ये बोली तो युग बोला ये गायी तो सबने गाया
इसने ही आजादी का परचम सीमा पर लहराया
वंदे मातरम बन कर गूंजी और तिरंगा थाम लिया
बिस्मिल, शेखर, भगत सिंह, मंगलपांडे का नाम लिया
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