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दुबले पतंगी कागज़ का
उड़ता हुआ टुकड़ा नहीं
प्रसूती मन की
बलवती संतान हैं।
तन, बदन, रूप और
आकार कुछ होता नहीं
पिंजड़े से निकल भागें
फिर पकड़ कर बताए कोई
दिल पर राज करतीं हैं।
रंगीन तितली बैठती है
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