हिंदुस्तान को छोड़कर दूसरे मध्य देशों में ऐसा कोई अन्य देश नहीं है, जहाँ कोई राष्ट्रभाषा नहीं हो। - सैयद अमीर अली मीर।
ताजमहल (काव्य)  Click to print this content  
Author:अरुण जैमिनी

इंटरव्यू देने पहुँचा
हरियाणे का एक युवा बेरोजगार
एक पोस्ट के लिए
आए थे अस्सी उम्मीदवार
किसे रखना है, यह बात तय थी
इसलिए चयनकर्ताओं के सवालों में
न सुर, न ताल और न लय थी

एक चयनकर्ता ने
हरियाणवी छोरे से पूछा—
‘बताओ
ताजमहल कहाँ है?’
हरियाणवी छोरा बोला—
‘जी... रोहतक में’
‘बहुत अच्छा... बहुत अच्छा...
इतना भी नहीं जानता
नौकरी क्या ख़ाक करेगा?’
हरियाणवी छोरा बोला :
‘आगरे में बता दूँ
तो क्या रख लेगा?’

-अरुण जैमिनी
[ हास्य-व्यंग्य की शिखर कविताएँ ]

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