दुनिया अजब बाज़ार है, कुछ जिन्स याँकी साथ ले, नेकी का बदला नेक है, बद से बदी की बात ले। मेवा खिला, मेवा मिले, फल-फूल दे, फल-पात ले, आराम दे आराम ले, दुख-दर्द दे आफ़ात ले।
कल-जुग नहीं करजुग है यह, याँ दिनको दे और रात ले, क्या ख़ूब सौदा नकद है, इस हाथ दे उस हाथ ले।
जो और को फल देवेगा, वह आप भी फल पाएगा, गेहूँ से गेहूँ, जौ से जौ, चावल से चावल पाएगा। जो आज देवेगा यहाँ, वैसा वह वाँ कल पाएगा, कल देवेगा, कल पावेगा, कलपेगा गर कलपाएगा।
कलजुग नहीं करजुग है यह, याँ दिनको दे और रात ले, क्या ख़ूब सौदा नक़द है! इस हाथ दे उस हाथ ले।
जो चाहे ले चल इस घड़ी, सब जिन्स याँ तैयार है, आरामसे आराम है, आज़ार से आज़ार है। दुनिया न तू इसको समझ, दरिया की यह मँझधार है, औरों का बेड़ा पार कर, तेरा भी बेड़ा पार है ।
कलजुग नहीं कर-जुग है यह, याँ दिन को दे और रात ले, क्या खूब सौदा नकद है, इस हाथ दे उस हाथ ले।
अपने नफ़े के वास्ते मत और का नुकसान कर, तेरा भी नुकसाँ होएगा, इस बातका भी ध्यान कर । खाना जो तू खा, देखकर, पानी पिए तो छानकर, याँ पाँव को रख फूँककर, और खौफ से गुज़रानकर ।
कलजुग नहीं कर-जुग है यह, याँ दिन को दे और रात ले । क्या खूब सौदा नकद है, इस हाथ दे उस हाथ ले।
-नज़ीर अकबराबादी
शब्दार्थ
कर-जुग - कर्मयुग, काम करने का युग, The Era of Action. याँ - यहाँ की जगह कभी कभी याँ भी लिख दिया जाता है। आफ़ात - आफ़त का बहुवचन, संकट, Catastrophe, Disaster. कल - आने वाला दिन, Tomorrow; गुज़रा हुआ दिन Yesterday. कलपाना – दुःख देना, तकलीफ देना, To cause pain. आज़ार - दुःख, रंज, Trouble. नफ़ा - लाभ, फ़ायदा, Gain. नुकसाँ - नुक़सान, हानि, Loss. गुज़रान कर - गुज़ारा कर, To pull on, To make a living. जिन्स - वस्तु, चीज़, Product. नेक और बद - भला और बुरा, Good and Bad. |