मैं दुनिया की सब भाषाओं की इज्जत करता हूँ, परन्तु मेरे देश में हिंदी की इज्जत न हो, यह मैं नहीं सह सकता। - विनोबा भावे।
दिल्ली पर दो कविताएं  (काव्य)  Click to print this content  
Author:वेणु गोपाल और विष्णु नागर

कवि दिल्ली में है
(विष्णु नागर की कविता के प्रति आभार सहित )

कवि
चाहता है
कि उसकी हर कविता मनुष्य से शुरू हो
लेकिन
क्या करे
कि वह बेचारा
दिल्ली में है।

-वेणु गोपाल


टिप्पणी : वेणु गोपाल ने विष्णु नागर की जिस कविता का उल्लेख किया है, वह निम्नलिखित कविता है--

 

दिल्ली कहती है

मैं जब काबुल गया तो मुझे काबुल से प्रेम हो गया
लखनऊ गया तो लखनऊ से
आजकल मैं कहीं नहीं जा रहा
तो मुझे दिल्ली से प्रेम होने लगा है

और दिल्ली कहती है
क्या हो गया है तुझे
आजकल तू कहीं आता-जाता क्यों नहीं!

-विष्णु नागर

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