जिंदगी इक सफ़र है नहीं और कुछ मौत के डर से डर है नहीं और कुछ
तेरी दौलत महल तेरा धोका है सब क़ब्र ही असली घर है नहीं और कुछ
प्यार से प्यार है प्यार ही बंदगी। प्यार से बढ़के ज़र है नहीं और कुछ
नफ़रतों से हुआ कुछ न हासिल कभी ग़म इधर जो उधर है नहीं और कुछ
जो भी घटता यहाँ अब वो छपता कहाँ सिर्फ झूठी ख़बर है नहीं और कुछ
बोलते सच जो थे क्यों वो ख़ामोश हैं ख़ौफ़ का ये असर है नहीं और कुछ
जो गधे को भी घोड़ा कहेगा निज़ाम अब उसी की क़दर है नहीं और कुछ
निज़ाम-फतेहपुरी ग्राम व पोस्ट मदोकीपुर ज़िला-फतेहपुर (उत्तर प्रदेश) |