न्यूज़ीलैंड की साहित्यिक हलचल (विविध) |
|
|
|
|
Author:भारत-दर्शन समाचार |
|
14 जुलाई 2022 (न्यूज़ीलैंड): उच्चायुक्त श्री मुक्तेश परदेशी ने भारत-दर्शन के संपादक रोहित कुमार 'हैप्पी' की पुस्तक 'न्यूज़ीलैंड की हिंदी यात्रा' का पिछले दिनों वेलिंग्टन स्थित भारत के उच्चायोग में लोकार्पण किया। यह पुस्तक केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा ने प्रकाशित की है।
इस अवसर पर उच्चायुक्त मुक्तेश परदेशी ने बताया कि इस पुस्तक में 1930 से अब तक का हिंदी का इतिहास दर्ज़ है और यह एक महत्वपूर्ण पुस्तक है। भारत-दर्शन को इंटरनेट पर विश्व का पहला हिंदी प्रकाशन होने का गौरव प्राप्त है। इसका मुद्रित अंक 1996 और ऑनलाइन संस्करण 1997 से आरंभ हुआ था। वर्तमान में यह ऑनलाइन पत्रिका विश्व की सर्वाधिक पढ़े जाने वाली हिंदी पत्रिका है। रोहित कुमार इससे पहले माओरी की 101 कहावतें, प्रशांत की लोक-कथाएँ और न्यूज़ीलैंड की हिंदी पत्रकारिता का इतिहास लिख चुके हैं।
न्यूज़ीलैंड निवासी डॉ सुनीता शर्मा की पुस्तक 'अनछुए स्पर्श' प्रकाशित हो चुकी है। इसमें सुनीता शर्मा की 170 कविताएं हैं। संग्रह की भूमिका हिंदी साहित्यकार, 'नरेश शांडिल्य' और प्रस्तावना हिंदी लेखिका, 'रति चौबे' ने लिखी है।
वेलिंगटन में सुनीता नारायण की पुस्तक 'Across the Kalapani: Uttar Pradesh to Fiji' का विमोचन हुआ। यह पुस्तक आत्मकथ्य शैली में लिखी गई है। सुनीता नारायण लंबे समय से वेलिंग्टन हिंदी स्कूल से जुड़ी हुई हैं। आप मूलतः फीजी से हैं और न्यूज़ीलैंड की नागरिक हैं।
जुलाई मास में न्यूज़ीलैंड के हिंदी इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ा, जब प्रीता व्यास ने एक नई ऑनलाइन त्रैमासिक पत्रिका 'पहचान' और इसकी वेबसाइट लोकार्पित की गई। प्रीता व्यास न्यूज़ीलैंड में हिंदी एक प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। आप बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं। लेखन के अतिरिक्त कहानी वाचन और अभिनय से भी जुड़ी हुई हैं।
[भारत-दर्शन समाचार] |
|
|