जय-जय-जय अंग्रेज़ी-रानी !
'इंडिआ, दैट इज़, भारत की भाषाएं भरती पानी। सेवारत हैं पिल्ले, मेनन, अयंगार, मिगलानी तमिलनाडु से नागालैण्ड तक ने सेवा की ठानी।
तेरे भक्तों को हिंदी में मिलती नहीं रवानी शब्दों की भिक्षा ले-ले उर्दू ने कीर्ति बखानी। एंग्लो-इंडिअन भाई कहते, तू भारत की वाणी अड़गम-बंडगम-कड़गम कहते, तू महान्, कल्याणी।
अंकल, आँटी, मम्मी, डैडी तक है व्याप्त कहानी पब्लिक स्कूलों से संसद तक तूने महिमा तानी। अंग्रेज़ी में गाली देने तक में ठसक बढ़ानी फिर, भाषण में क्यों न लगे सब भक्तों को सिम्फॉनी।
मैनर से बैनर, पिओन से लीडर तक लासानी सभी दंडवत् करते तुझको, तू समृद्धि-सुख-दानी।
जय जय जय अंग्रेजी रानी ! जय जय जय अंग्रेज़ी रानी !!
-डॉ रामप्रसाद मिश्र |