वंदनीय भारत । अभिनंदनीय भारत ।।
उत्तर में हिमालय तीर्थों का है जो आगर दक्षिण चरण पखारे पवित्र हिन्दू-सागर अटक से कटक तक भरी प्रेम गागर तर्पणीय भारत । प्रातः स्मरणीय भारत ।।
ॠषियों की तपोभूमि वीरों का जो खजाना हुए राम-कृष्ण अवतरित रहा देवों का आना-जाना प्रकृति हरी-भरी जहाँ गाती नदी तराना पूजनीय भारत । अतिशोभनीय भारत ।।
वेदों का ज्ञान जिसमें भरा उन्नत विज्ञान जिसमें पुराणों की जन्मदाता स्मृतियों का पान जिसमें मुनि व्यास की धरा जो हुआ तुलसी का जन्म जिसमें धारणीय भारत । पालनीय भारत ।।
राणा की जो धरा है बलिदानी परंपरा है शिवाजी का सा कौशल कदम-कदम भरा है शहीदों की शहादत से शोभित वसुंधरा है प्रदर्शनीय भारत । अनुकरणीय भारत ।।
भिन्न-भिन्न भाषा भिन्न-भिन्न धर्म भिन्न-भिन्न पहनावा भिन्न-भिन्न कर्म ‘अनेकता में एकता' है जहाँ का मर्म प्रशंसनीय भारत । वर्णनीय भारत ।।
- व्यग्र पाण्डे कर्मचारी कालोनी, गंगापुर सिटी स.माधोपुर (राज.) 322201 मोबाइल नंबर-9549165579 ई-मेल: vishwambharvyagra@gmail.com |