मिठास तुम्हारी मुस्कराहट की बिलकुल जैसे शगुन का मोतीचूर।
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टकराते हैं यादों के बादल जब-जब, एक चेहरा बिजली-सा कौंध जाता है।
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वो सारी बातें जो मैं कह नहीं सकी तुमसे, दरअसल कहने की बातें तो वही थीं।
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जीवन में अर्थ मिले, न मिले जीवन को अर्थ मिले।
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किसने बांटा है किसका अकेलापन धोखा है सब।
-प्रीता व्यास [प्रीता व्यास के फेसबुक से] |