मैं दुनिया की सब भाषाओं की इज्जत करता हूँ, परन्तु मेरे देश में हिंदी की इज्जत न हो, यह मैं नहीं सह सकता। - विनोबा भावे।
कैसा समय (काव्य)  Click to print this content  
Author:नासिर अहमद सिकन्दर

कैसा समय आया भाई!
किस दुश्मन को नजर लगी
किस वैज्ञानिक ने गलती की
किस ऋपि ने दिया शाप
किस राजनीतिज्ञ ने
सदियों पुराने बाल की निकाली खाल
जो इतना बिगड़ा समय

कैसा समय आया भाई
कैसा समय आया !

- नासिर अहमद सिकन्दर
 [इस वक्त मेरा कहा, 2001]

 

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