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हास्य काव्य
भारतीय काव्य में रसों की संख्या नौ ही मानी गई है जिनमें से हास्य रस (Hasya Ras) प्रमुख रस है जैसे जिह्वा के आस्वाद के छह रस प्रसिद्ध हैं उसी प्रकार हृदय के आस्वाद के नौ रस प्रसिद्ध हैं - श्रृंगार रस (रति भाव), हास्य रस (हास), करुण रस (शोक), रौद्र रस (क्रोध), वीर रस (उत्साह), भयानक रस (भय), वीभत्स रस (घृणा, जुगुप्सा), अद्भुत रस (आश्चर्य), शांत रस (निर्वेद)।Article Under This Catagory
बेरोज़गार मित्र का जवाब - शैल चतुर्वेदी | Shail Chaturwedi |
हमनें एक बेरोज़गार मित्र को पकड़ा |
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दायरा | हास्य कविता - नेहा शर्मा |
एक बुढ्ढे को बुढ़ापे में इश्क का बुखार चढ़ गया |
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पैरोडीदास का गीत - पैरोडीदास |
सरल है बहुत चांद-सा मुख छिपाना, |
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