पराधीनता की विजय से स्वाधीनता की पराजय सहस्त्र गुना अच्छी है। - अज्ञात।

अवसर नहीं मिला

 (काव्य) 
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रचनाकार:

 कमला प्रसाद मिश्र | फीजी | Kamla Prasad Mishra

जो कुछ लिखना चाहा था
वह लिख न कभी मैं पाया
जो कुछ गाना चाहा था
वह गीत न मैं गा पाया। 

मुझको न मिला अवसर ही
अपने पथ पर चलने का
था दीप पड़ा झोली में
अवसर न मिला जलने का।

जो दीप न जल पाता है
वह क्या प्रकाश फैलाये
जिसको न मिला अवसर ही
वह गीत भला क्या गाये।

-कमलाप्रसाद मिश्र
[फीजी के हिंदी साहित्यकार]

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