अकबर से लेकर औरंगजेब तक मुगलों ने जिस देशभाषा का स्वागत किया वह ब्रजभाषा थी, न कि उर्दू। -रामचंद्र शुक्ल
भारत-दर्शन :: इंटरनेट पर विश्व की सबसे पहली ऑनलाइन हिंदी साहित्यिक पत्रिका
Search:
Menu
भारतदर्शन
मुख्य पृष्ठ
काव्य
कविताएं
विविध
आलेख
रोचक
अनमोल वचन
व्यंग्य
कथा-कहानियाँ
लोक-कथाएं
लघुकथाएं
कहानियां
संस्मरण
बाल-साहित्य
बच्चों की कहानियां
भारतदर्शन
मुख्य पृष्ठ
काव्य
कविताएं
विविध
आलेख
रोचक
अनमोल वचन
व्यंग्य
कथा-कहानियाँ
लोक-कथाएं
लघुकथाएं
कहानियां
संस्मरण
बाल-साहित्य
बच्चों की कहानियां
Archive of Issue