बड़ी हो गई अब यह छोड़ो नानी गाय, कबूतर उल्लू अरे चलाती मैं कम्प्यूटर मत कहना अब मुझको लल्लू ।
छोटे स्कूल नहीं अब जाना बड़े स्कूल अब जाऊंगी मैं पापा-मम्मी नहीं रोकना साइकिल भी चलाऊंगी मैं ।
बड़ा मज़ा आएगा 'वाव' पानी-पूरी खाऊंगी मैं नहीं लगेगी अब तो मिर्ची दीदी को बतलाऊंगी मैं ।
-दिविक रमेश [छुट्कल मुट्कल बाल कविताएं]
[Children's Hindi Poems by Divik Ramesh] |