होली है आख़िर मनाना पड़ेगा
मजबूर है दिल मिलाना पड़ेगा
सड़े डालडे की तली पूड़ियां हैं
वह कहते हैं अपने को खाना पड़ेगा
मूरत पर बारह बजे हैं मगर वो
कहते हैं ढोलक बजाना पड़ेगा
उड़ी चाय पी कर के होटल से मैना
मोहब्बत में दिल तो चुकाना पड़ेगा
बढ़ा लो बढ़ा लो अभी बाल अपने
औलाद होगी घटाना पड़ेगा
उन्हें चाय पर जब बुलाया गया
तो कहा आज ठर्रा पिलाना पड़ेगा
हो गया है मैंने उनका ‘मिनी' स्तर
उन्हें अब ‘मिनिस्टर' बनाना पड़ेगा
वह दिन नहीं दूर जबकि वतन में
होली में घर को जलाना पड़ेगा
- राजेन्द्र प्रसाद [गुदगुदी]