पाँव के नीचे से
निकल गई
एक छोटी सी कीड़ी,
बड़ी-सी बात कहकर
कि
मारने वाले से
बचाने वाला बड़ा है।
-नवल बीकानेरी
#
एक मुट्ठी में आज है
एक मुट्ठी में कल
कौन-सी मुट्ठी खोलूँ
तू सोचकर बता दे।
-नवल बीकानेरी
दो क्षणिकाएँ (काव्य) |
पाँव के नीचे से
निकल गई
एक छोटी सी कीड़ी,
बड़ी-सी बात कहकर
कि
मारने वाले से
बचाने वाला बड़ा है।
-नवल बीकानेरी
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एक मुट्ठी में आज है
एक मुट्ठी में कल
कौन-सी मुट्ठी खोलूँ
तू सोचकर बता दे।
-नवल बीकानेरी