पथ से भटक गया था राम
नादानी में हुआ ये काम
छोड़ गए सब संगी साथी
संकट में प्रभु तुम लो थाम
तू सबके दुःख हरने वाला
बिगड़े संवारे सबके काम
तेरा हर पल ध्यान धरुं मैं
ऐसा पिला दे प्रेम का जाम
- रोहित कुमार 'हैप्पी'
भजन (काव्य) |
पथ से भटक गया था राम
नादानी में हुआ ये काम
छोड़ गए सब संगी साथी
संकट में प्रभु तुम लो थाम
तू सबके दुःख हरने वाला
बिगड़े संवारे सबके काम
तेरा हर पल ध्यान धरुं मैं
ऐसा पिला दे प्रेम का जाम
- रोहित कुमार 'हैप्पी'
|
|||||
|
|||||