लिफाफा
पैगाम तुम्हारा
और पता उनका
दोनों के बीच
फाड़ा मैं ही जाऊँगा।
- विश्वनाथ प्रतापसिंह
#
झाड़न
पड़ा रहने दो मुझे
झटको मत
धूल बटोर रखी है
वह भी उड़ जाएगी।
- विश्वनाथ प्रतापसिंह
विश्वनाथ प्रताप सिंह की दो क्षणिकाएँ (काव्य) |
लिफाफा
पैगाम तुम्हारा
और पता उनका
दोनों के बीच
फाड़ा मैं ही जाऊँगा।
- विश्वनाथ प्रतापसिंह
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झाड़न
पड़ा रहने दो मुझे
झटको मत
धूल बटोर रखी है
वह भी उड़ जाएगी।
- विश्वनाथ प्रतापसिंह