खेलो रंग से
मगर ढंग से
जीयो सखा उमंग से
मौज से, तरंग से
गाओ गीत अहंग से
होली में परहेज
करो ना भंग से
हाँ, बचें जरूर
आपसी जंग से
नाचो निहंग से
भागो दूर दबंग से
सीखो यह सब अनंग से
- डॉ. श्याम सखा श्याम
खेलो रंग से | कविता (काव्य) |
खेलो रंग से
मगर ढंग से
जीयो सखा उमंग से
मौज से, तरंग से
गाओ गीत अहंग से
होली में परहेज
करो ना भंग से
हाँ, बचें जरूर
आपसी जंग से
नाचो निहंग से
भागो दूर दबंग से
सीखो यह सब अनंग से
- डॉ. श्याम सखा श्याम