मैंने अपनी पत्नी से कहा -- "संत महात्मा कह गए हैं-- ढोल, गंवार, शुद्र, पशु और नारी ये सब ताड़न के अधिकारी!" [इन सभी को पीटना चाहिए!]
इसका अर्थ समझती हो या समझाएं? पत्नी बोली- "हे स्वामी, इसका मतलब तो बिलकुल साफ़ है इसमें एक जगह मैं हूँ और चार जगह आप हैं।"
- सुरेंद्र शर्मा
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