काश! नए वर्ष में ऐसा हो जाए। कुर्सी हथियाने के बाद भी हर एक सत्ताधारी चुनाव पूर्व वाली विनम्रता दिखलाए ।
काश! नए वर्ष में ऐसा से जाए, किसी ग़रीब के हिस्से का कौर हड़पने कोई तौंदिया न आए ।
काश! नए वर्ष में ऐसा से जाए, कोई भी ट्यूशनख़ोर द्रोणाचार्य अपने चहेते अर्जुनों की ख़ातिर किसी एकलव्य का अँगूठा न कटवाए ।
काश! नए वर्ष में ऐसा से जाए ।
- हलीम 'आईना'
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