मैं दुनिया की सब भाषाओं की इज्जत करता हूँ, परन्तु मेरे देश में हिंदी की इज्जत न हो, यह मैं नहीं सह सकता। - विनोबा भावे।
पहुँचे उनको मेरा सलाम (काव्य)  Click to print this content  
Author: क़ैस जौनपुरी

तुमने सुना?

दुनिया से एक नेक इंसान कम हो गया...


कौन?


कौन....क्या कहूँ...?


कलम की ताक़त कलाम

मुस्कुराने की आदत कलाम

बच्चों के प्यारे कलाम

ए पी जे अब्दुल कलाम


वो जो हमेशा मुस्कुराते रहे

आगे बढ़ना सिखाते रहे

आख़िरी दम तक भी वो

जीना क्या है बताते रहे

ऐसे थे वो नेक इंसान

पहुँचे उनको मेरा सलाम


गवाह है पूरा हिन्दुस्तान

थे वो राष्ट्रपति महान

काम था जिनका बाँटना ज्ञान

कर्मभूमि जिसकी विज्ञान

ऐसे थे वो नेक इंसान

पहुँचे उनको मेरा सलाम

- क़ैस जौनपुरी

Previous Page  |   Next Page
 
 
Post Comment
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश