जब हम अपना जीवन, जननी हिंदी, मातृभाषा हिंदी के लिये समर्पण कर दे तब हम किसी के प्रेमी कहे जा सकते हैं। - सेठ गोविंददास।
यमराज से मुलाक़ात (काव्य)  Click to print this content  
Author:मनीष सिंह


एक बार रास्ते में मुझे मिल गए यमराज ,
और बोले ,"बेटा ! तुम्हारे पाप के घड़ों का ड्रम भर गया है आज।"
मैं बोला , "प्रभु ! मैं तो जलेबी की तरह सीधा हूँ ,
क्यों मेरी शराफत पर ऊँगली उठा रहे हैं।

जरूर आपके कंप्यूटर में कोई वायरस है ,
जो मुझ पर ऐसे आरोप लगा रहे हैं।
ध्यान से सुनिये की मेरी क्या मज़बूरी है।
आज कल जीने के लिए गलत काम करना भी जरुरी है।

प्राचीन काल में जब भरी सभा में द्रौपदी का चीर हरण हुआ था।
तो पाप के अंत के लिए महाभारत का रण हुआ था।
अब तो एटम बम का दौर है , युद्ध के पुराने अस्त्र नहीं होते।
और हमारी फ़िल्मी हिरोइनो के पास तो हरण करने लायक भी वस्त्र नहीं होते।

नगर की हर गली में बेशरम के फूल की तरह नेता खिलते हैं।
जो बेमौसम के चुनावों में बिना बुलाए मेहमान की तरह मिलते हैं।
आज कल घोड़ों को नहीं मिलती घास है ,
लेकिन यहाँ फिर भी गधे खाते चयनप्राश हैं।

ऐसा किसी कवि ने एक सभा में कहा था।
और मैंने एक गधे की आत्मकथा में ये पढ़ा था।
कि लड़कियां भी सुन्दर गधों पर मुग्ध होती हैं।
फिर पता नहीं मेरी किस्मत ही क्यों खोटी है।"

यमराज बोले , "बेटा ! इस तरह जी न दुखाओ।
गधे तो पहले से हो , फेयर एंड हैंडसम से सुन्दर भी बन जाओ।
पर ये तो तुम इंसानो का सिस्टम है , यह भी जान लो।
पर तुम्हारी बातें सच्ची हैं , सो अपने प्राणों को छोड़कर तीन वरदान माँग लो।

मैंने दो वर माँगे,"प्रभु ! मेरे देश से गरीबी और बेरोज़गारी हटा दो।"
यमराज बोले, "बेटा ! यह तो असंभव है ,
इसकी जगह तुम अपनी उम्र 20 साल और बढ़ा लो।"
मैंने आखरी वर माँगा, "प्रभु ! कम से कम भ्रष्टाचार ही मिटा दो।"

इस पर बोले, "अरे नादान! क्या ये भी नहीं जानता,
कि विधि का विधान कौन मिटा सकता है।
जब मैं स्वयं धर्मराज होकर तुझे 20 साल की रिश्वत दे रहा हूँ,
तो खुद ही सोच की यहाँ से भ्रष्टाचार कौन मिटा सकता है।

पर याद रख कि गर तुझमे सच्चाई होगी,
तो तेरी उन्नति के रास्ते खुलते जाएंगे।
तेरे सुख पेट्रोल के दामों की तरह बढ़ते,
और दुःख सनी लियॉन के कपड़ों की तरह घटते जाएँगे।"

- मनीष सिंह
ई-मेल:
immanish4u@gmail.com

 

मनीष सिंह मूलतः रायपुर (छत्तीसगढ़) के निवासी मनीष पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर एवं इंटरनेट सिक्योरिटी विशेषज्ञ हैं। इसके साथ ही वे साहित्य में गहन रूचि रखते हैं। जीवन के विभिन्न पहलुओं पर उनके द्वारा लिखे गए लेख व कवितायेँ छत्तीसगढ़ के कई समाचार पत्रों एवं ऑनलाइन पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं ।

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