जो कुछ है मेरे दिल में वो सब जान जाएगा । उसको जो मैं मनाऊँ तो वो मान जाएगा ।
बरसों हुए न उससे मुलाकात हो सकी, दिल फिर भी कह रहा है, वो पहचान जाएगा ।
दामन तेरे करम का, न मुझको अगर मिला, तू ही बता कहाँ मेरा अरमान जाएगा ।
'अंदाज़' बढ़ती जाएगी दीवानगी यूँ ही, मेरी तरफ अगर न तेरा ध्यान जाएगा ।
- अनिल कुमार 'अंदाज़' [कैसे करें यक़ीन] |