कैसा सन्त हमारा गाँधी! कैसा सन्त हमारा!! दुनिया थी गो उसकी बैरी, दुशमन था जग सारा। आखिर में जब देखा साधो वो जीता जग हारा। कैसा सन्त हमारा गाँधी! कैसा सन्त हमारा!!
बुद्ध है या ये नए जनम में बन्सी का मतवारा। मोहन नाम सही पर साधो रूप वही है सारा॥ कैसा सन्त हमारा गाँधी! कैसा सन्त हमारा!!
भारत के आकाश पै वो है एक चमकता तारा। सचमुच ज्ञानी, सचमुच मोहन, सचमुच प्यारा प्यारा॥ कैसा सन्त हमारा गाँधी! कैसा सन्त हमारा!!
सच्चाई के नूर से उसके दिल में है उजियारा। बातिन में शक्ती ही शक्ती ज़ाहिर में बेचारा ॥ कैसा सन्त हमारा गाँधी! कैसा सन्त हमारा !!
-समदयार खाँ 'सागर निज़ामी' |