मैं दुनिया की सब भाषाओं की इज्जत करता हूँ, परन्तु मेरे देश में हिंदी की इज्जत न हो, यह मैं नहीं सह सकता। - विनोबा भावे।
अल्बेयह कैमू का अनूदित काव्य (काव्य)  Click to print this content  
Author:भारत-दर्शन संकलन

हमने कुछ दिन हुए 'अल्बेयह कैमू' (Albert Camus) की कुछ अँग्रेजी पंक्तियाँ अपने फेसबुक पर प्रकाशित करके इनका हिन्दी भावानुवाद करने का आग्रह किया था। अल्बेयह कैमू एक फ्रेंच दार्शनिक, लेखक, नाटककार और पत्रकार थे। उन्हें 44 वर्ष की आयु में 1957 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया था।

अनेक मित्रों ने इसका भावानुवाद किया। उन्हें में से कुछ यहा दिए गए हैं।

मूल पंक्तियाँ ये थी--
Don’t walk behind me, I may not lead.
Don’t walk in front of me, I may not follow.
Just walk beside me and be my friend.
--Albert Camus

उपर्युक्त पंक्तियों के निम्नलिखित भावानुवाद प्राप्त हुए--

करो नहीं अनुसरण हमारा, पथ दर्शक न बन पाऊँगा
मत चलना आगे-आगे भी, अनुचर हो न चल पाऊँगा
साथ चलो तो, आओ साथी, पग–पग संग चलें हम मिल
साथी बन कर हाथ थाम लो, मिल जाए बस दिल से दिल

-डॉ॰ कविता वाचक्नवी

#

कभी मुझसे पीछे मत चलना
जानती हो क्यों ?
क्योंकि मैं तुमसे आगे नहीं निकलना चाहता
और कभी मुझसे आगे भी मत चलना
क्योंकि डरता हूँ इस बात से कि
हमारे बीच कोई फ़ासला न बन जाए
चलो आज ये वादा करें हम
कि हम हर कदम साथ चलेंगे
हमकदम,हमसाया बनकर
ताकि आसान हो जाए
जिंदगी का मुश्किल से मुश्किल सफर।

-डॉ॰ श्वेता दीप्ति

#

ना आगे चल, ना पीछे चल,
गर साथी हो तो संग संग चल,
नित नित मेरा साथ निभाना,
हर दिन हर पल,
हर दिन हर पल।

-डॉ॰ संतोष मिश्रा

#

मेरे पीछे पीछे मत चल
मैं रहनुमा नहीं तेरा
मेरे आगे -आगे मत चल
तू रहबर नहीं मेरा
मेरे साथ -साथ ही चल
तू ही तो दोस्त है मेरा

-दिलीप कुमार

#

मैं मार्गदर्शक तो नहीं
कि तुम मेरे पीछे चलो;
मैं अनुगामी तो नहीं
कि तुम मेरे आगे रहो,
हम तुम महज सखा मानिंद
साथ- साथ कदम -ताल करें!

-राजेश कुमार, पाटलिपुत्र

#

मत चलो पग चिन्हों पे मेरे,
मैं नहीं इतना महान,
कदम कदम पर आगे रह कर,
मत करो मुझ को परेशान,
मित्र वही दुख की बेला में जो
साथ तुम्हारे रहता है,
उलझन कोई आ जाए तो,
उस को भी सुलझाता है।

-जनक वैद

#

अनुसरण करो तुम मत मेरा, संभव है ना नेतृत्व करूं
मेरे आगे भी नहीं चलो, मत सोचो मैं अनुसरण करूं
मैं मित्र भाव का प्रार्थी हूँ मुझसे अपनापन लिए मिलो
बस यही अपेक्षा है तुमसे, आओ प्रिय मेरे साथ चलो

- पुरुषोत्तम तिवारी 'साहित्यार्थी'
  भोपाल

#

मेरे पीछे मत चलो
मैं नेतृत्व नहीं कर सकता।
मेरे आगे भी मत चलो
मैं किसी का अनुसरण नहीं कर सकता।
चलना ही हो तो मेरे साथ चलो
एक मित्र की तरह।

-योगेन्द्रनाथ मिश्र

#

मैं नेता नहीं, तुम पीछे चलोगे।
तुम नेता नहीं, मेरा रास्ता चुनोगे।
मजा जिंदगी का है इस फलसफे में
हाथों में हाथ डाले आगे बढ़ोगे।

-डॉ॰ पंकज गौड़

#

मेरे पीछे ना चल, मैं रास्ता ना दिखा पाऊँगा
मेरे आगे ना चल, मैं पीछे ना आ पाऊँगा
बस, साथ-साथ चल मैं दोस्त तुझे बनाऊँगा।

-मधु खन्ना, ऑस्ट्रेलिया

#

मेरे पीछे-पीछे मत चलो
मैं नहीं कर सकता नेतृत्व,
मेरे आगे-आगे मत चलो
मैं नहीं कर सकता अनुसरण,
केवल मेरे साथ-साथ चलो
और बनो मेरा मित्र।

-भोलानाथ सिंह

#

मेरा अनुसरण मत करो, मैं नेतृत्व नहीं करता।
मेरे आगे भी मत चलो, मैं अनुकरण नहीं कर पाऊंगा
बस, एक मित्र की तरह मेरे साथ चलो।

-सुरेश अग्रवाल

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पीछे ना चलो मेरे दोस्त, तुम्हारा नेता नहीं बन पाऊँगा।
आगे भी चलने की ग़ुस्ताख़ी मत करो, पीछे तुम्हारे नहीं आ पाऊँगा।
चलना है तो साथ चलो मेरे दोस्त, शायद दोस्ती निभा पाऊँगा।

-डॉ॰ पुष्पा भारद्वाज वुड, न्यूज़ीलैंड

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तुम मेरे पीछे न चलो शायद मैं ठीक से रास्ता न बता पाऊँ
मेरे आगे भी मत चलो शायद मैं अंधानुकरण न कर पाऊँ
चलो साथी साथ चले,हाथों में हाथ लिए,ये रास्ता तय करें

-डॉ॰ नीतू भूषण तातेड

#

तुम ही क्यों चलो मेरी मर्ज़ी से,ग़र जो मैं नहीं चलता...
नहीं है चाहत मुझको हुक्म चलाने की!
चल सको तो मेरे साथ-साथ चलना...
जहां तुम मुझसे सिर्फ दोस्त बनकर मिलना।

-रूपम कुमारी यादव

#

अगर तुम मेरे पीछे चलोगे, मैं तुम्हें रास्ता नहीं दिखा पाऊँगा
यदि तुम मेरे आगे चलोगे , मैं तुम्हारा अनुकरण नहीं कर पाऊँगा
मेरे कदमों से कदम मिलाओ और दोस्त बनके साथ चलो

-शालिनी वर्मा

#

मेरे पीछे मत चलो, नेतृत्व नहीं कर सकता मैं
मेरे आगे मत चलो, हो सकता है मैं पीछे न चलूं,
बस मेरे साथ चलो और दोस्त बनो तुम मेरे।

-बाबू सिंह

#

ज्ञान नहीं पथदर्शक सा इसलिए मेरे पीछे न चल,
गति नहीं अनुसरण की, इसलिए मेरे आगे ना चल।
मेरा दोस्त बन, मिला कंधे से कंधा,
मेरे साथ चल, मेरे साथ चल।

-कुमार रिपुदमन

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