एक बुढ्ढे को बुढ़ापे में इश्क का बुखार चढ़ गया बुढिया को जीन्स-टॉप पहनाकर बीयर बार में ले गया बोला, आज की पीढ़ी ऐसे ही रोमांस करती है तू भी पी ले बीयर थोड़ा कम चढ़ती है।
बुड्ढे ने इतना बोला कि बुढिया इतना शरमा गयी बोली जाने दो मिनरल वाटर दे दो दांतों में अब कम ताकत रह गयी है।
बुड्ढा बोला, चल छोड़ अब डिस्को चलते हैं वहां चलकर 'न्यू मैरिड कपल' की तरह डांस करते हैं।
बुढ़िया बोली डांस तो मै कर लूँगी तुझे बाहों में भी भर लूँगी पर ये बता, बीच में लुढ़क गयी तो क्या करेगा? मुझे समेटकर घर तक कैसे लायेगा?
बुड्ढे ने बहुत सोच विचारकर कहा, चलो छोड़ो रुख अपना जरा दूसरी तरफ मोड़ो चल डेट पर चलते हैं इसी बहाने लॉन्ग ड्राइव करते हैं।
बुढ़िया ने फिर बात पर तवज्जो देते हुए बोला-- काहे को करते हो बुढ़ापे में एक्सीडेंट का झोला लॉन्ग ड्राइव पर लेकर तो जाओगे पर क्या इन कांपते हाथों से ड्राइव कर पाओगे? मुझे तो अभी आखिरी लॉन्ग ड्राइव पर जाना है घर पर बैठकर भगवान् का ध्यान लगाना है छोड़ो इन सब बातों को हरि का नाम लेते हैं घर बैठकर माला जपते हैं।
बेचारा बुड्ढा रोमांस का ख्वाब लेकर रह गया बुढ़िया ने चालाकी से उसके सब प्लान पर पानी फेर दिया अंत में बुड्ढे ने सोचा कि बुढ़िया ठीक कहती है-- भावना की हर नदी उम्र के दायरे में बहती है।
-नेहा शर्मा ई-मेल: sharmanehabhardwaj@gmail.com |