मैं क्या कर रहा था जब सब जयकार कर रहे थे? मैं भी जयकार कर रहा था - डर रहा था जिस तरह सब डर रहे थे। मैं क्या कर रहा था जब सब कह रहे थे, ‘अजीज मेरा दुश्मन है?' मैं भी कह रहा था, ‘अजीज मेरा दुश्मन है।' मैं क्या कर रहा था जब सब कह रहे थे, ‘मुँह मत खोलो?' मैं भी कह रहा था, ‘मुँह मत खोलो बोला जैसा सब बोलते हैं।' खत्म हो चुकी है जयकार, अजीज मारा जा चुका है, मुँह बंद हो चुके हैं। हैरत में सब पूछ रहे हैं, यह कैसे हुआ? जिस तरह सब पूछ रहे हैं उसी तरह मैं भी यह कैसे हुआ?
-श्रीकांत वर्मा
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