22 जून 2019: गूगल ने हिंदी अभिनेता अमरीश पुरी की 87वीं जयंती पर डूडल बनाकर उन्हें सम्मान दिया। अमरीश पुरी का जन्म 22 जून 1932 को हुआ था। वे कार भाई और एक बहन थे। उनके दो बड़े भाई मदन पुरी और चमन पुरी भी अभिनेता थे।
पुरी ने 39 वर्ष की आयु में पहली भूमिका निभाई और कुछ सबसे यादगार खलनायकों को पर्दे पर चित्रित किया। अमरीश ने 1954 में एक ऑडिशन दिया था लेकिन उनका चयन नहीं हुआ था। इसके बाद वे कई वर्षों तक थिएटर और वॉयसओवर करते रहे। उन्होंने 1971 की रेशमा और शेरा में पहली बार हिंदी फिल्मों में अपनी उपस्थिति दर्ज की।आपने हॉलीवुड की ऑस्कर विजेता, 'गांधी' फिल्म में भी में 'खान' के रूप में एक सहायक भूमिका अभिनीत की।
अमरीश पुरी ने 1984 मे बनी स्टीवेन स्पीलबर्ग की फ़िल्म "इंडियाना जोन्स एंड द टेम्पल ऑफ़ डूम" (Indiana Jones and the Temple of Doom) में मोलाराम की भूमिका निभाई थी, जो बहुत चर्चित रही थी। इस अभिनय के बाद उन्होंने हमेशा अपना सिर मुँडवाकर रखने का निर्णय लिया था।
फ़िल्म मिस्टर इंडिया का उनका खलनायक वाला एक संवाद "मोगैम्बो खुश हुआ" बहुत प्रसिद्ध हुआ था। फ़िल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' का उनका संवाद "जा सिमरन जा! जी ले अपनी ज़िन्दगी।" बहुत प्रभावी रहा था।
अमरीश पुरी पर बनाए गए इस गूगल डूडल के कलाकार हैं पुणे निवासी देबांगशु मुलिक (Debangshu Moulik), देबांगशु एक विज़ुअल आर्टिस्ट हैं। देबांगशु स्वयं बचपन से अमरीश पुरी की अनेक फिल्में देखीं हैं और वे उनके प्रशंसक हैं।
![Debangshu Moulik Pune-based guest artist Debangshu Moulik who did Google Doodle on Amrish Puri](../news_images/debangshu-moulik-artwork-animation.gif)
गूगल डूडल पर अपने अनुभव साझा करते हुए देबांगशु कहते हैं, "मैंने बचपन से, कई फिल्मों में अमरीश पुरी के अभिनय को देखा है। उन्हें अलग-अलग किरदार निभाते हुए देखता हुआ, बड़ा हुआ हूँ। इसलिए, उनकी जयंती के लिए गूगल डूडल बनाने के लिए आमंत्रित किया जाना वास्तव में बहुत ही सुखद अनुभव था।"
देबांगशु को इस डूडल के लिए बहुत परिश्रम करना पड़ा। इस डूडल में पारंपरिक और डिजिटल दोनों प्रकार की चित्रकारी की गई है। देबांगशु का मानना है कि उनकी इस कलाकृति से लोग अमरीश पूरी के बारे में और अधिक जानने के लिए उत्साहित होंगे।
- रोहित कुमार 'हैप्पी'
चित्र और छाया चित्र: गूगल डूडल और देबांगशु मुलिक (Debangshu Moulik) |