क्या ख़ास क्या है आम ये मालूम है मुझे किसके हैं कितने दाम ये मालूम है मुझे
हम लड़ रहे हैं रात से लेकिन उजालों पर होगा तुम्हारा नाम ये मालूम है मुझे
ख़ैरात में जो बांट रहा हूँ उसी के कल देने पड़ेंगे दाम ये मालूम है मुझे
रखते हैं क़हक़हों में छुपाकर उदासियां यह मैकदे तमाम ये मालूम है मुझे
जब तक हरा भरा हूँ उसी रोज तक हैं बस सारे दुआ सलाम ये मालूम है मुझे
- हस्तीमल हस्ती
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