![Rajrishi Tandon Rajrishi Tandon](../news_images/rajrishi-tandonji.png)
राजर्षि पुरूषोत्तमदास टंडन हिन्दी भाषा के सेवक, पत्रकार, वक्ता भारतीय स्वतन्त्रता सेनानी, राजनयिक, और समाज सुधारक थे।
भारत के संविधान में हिंदी को जो स्थान मिला उसमें टंडन जी की महत्वपूर्ण भूमिका थी। जिस समय संविधान-सभा में देश की राज-भाषा का प्रश्न उठा और वह जटिल रूप धारण कर रहा था, उस समय हिंदी का नेतृत्व टंडन जी ही कर रहे थे।
रामधारीसिंह दिनकर आपके बारे में लिखते हैं:
"जन-हित निज सर्वस्व दान कर तुम तो हुए अशेष; क्या देकर प्रतिदान चुकाए ॠषे! तुम्हारा देश?"
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