देश-विदेश में बसे करोड़ो लोग प्रतिदिन जिस आरती से अपने ईश्वर का स्मरण करते हैं, उस आरती के रचियता थे पं० श्रद्धा राम फिल्लौरी ।
![पं० श्रद्धा राम फिल्लौरी जयंती पं० श्रद्धा राम फिल्लौरी जयंती](../news_images/pt-shardha-ram-om-jai.png)
30 सितंबर को 'ओम जय जगदीश हरे' आरती के रचियता पं० श्रद्धा राम फिल्लौरी की जयंती होती है।
आपका जन्म पंजाब के फिल्लौर में 30 सितंबर 1837 को हुआ था।
आपका हिंदी साहित्य में भी अहम योगदान रहा है। लाला श्रीनिबासदास के 'परीक्षागुरु' (1882) को हिंदी का पहला उपन्यास माना जाता है लेकिन कुछ विद्वान पं० श्रद्धा राम फिल्लौरी के सामाजिक उपन्यास 'भाग्यवती' (1879) को ही हिंदी का पहला उपन्यास मानते हैं।
इसके अतिरिक्त आपने लगभग डेढ़ दर्जन पुस्तकें लिखीं जो हिंदी के अतिरिक्त संस्कृत, उर्दू और पंजाबी में हैं । आपने फ़ारसी, उर्दू पंजाबी से अनुवाद भी किया।
बहुत कम लाोग जानते हैं कि 1865 में अँग्रेज़ी राज के विरुद्ध प्रचार करने के आरोप मे पं० श्रद्धा राम फिल्लौरी को नगर-निकाला दे दिया गया था। आप कुछ समय तक शहर से बाहर रहे और फिर घर लौट आए। 43 वर्ष की उम्र में आपका देहांत हो गया।
[ भारत-दर्शन] |