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महावीर प्रसाद द्विवेदी | Mahavir Prasad Dwivedi
आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी का जन्म 15 मई 1864 जिला रायबरेली के दौलतपुर नाम ग्राम में हुआ था।
कार्यक्षेत्र: आधुनिक हिन्दी साहित्य को समृद्धशाली बनाने का श्रेय आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी (Mahavir Prasad Dwivedi) को जाता है। महावीर प्रसाद द्विवेदी जी की प्रारम्भिक शिक्षा गाँव की पाठशाला में ही हुई। आर्थिक स्थिति प्रतिकूल होने के कारण घर पर ही संस्कृत, हिन्दी, मराठी, अंग्रेजी और बंगला भाषा का गहन अध्ययन । शिक्षा के पश्चात् रेलवे की नौकरी छोडकर 'सरस्वती' के संपादन संभाल लिया।
प्रमुख रचनाएं
काव्य-संग्रह: काव्यमंजूषा, कविता कलाप, सुमन
निबन्ध: सौ से भी अधिक निबंध जो सरस्वती तथा अन्य पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए।
अनुवाद: संस्कृत और अंग्रेजी दोनो भाषाओं से अनुवाद कार्य, कुमारसंभव, वेकन विचार, मेघदूत, विचार रचनावली, स्वाधीनता आदि।
आलोचना: नाटकशास्त्र, हिन्दी नवरत्न, रसज्ञ-रंजन, विचारविमर्श, कालिदास की निरंकुशता, साहित्य सन्दर्भ आदि।
सम्पादन: सरस्वती मासिक पत्रिका।
निधन: 21 दिसम्बर, 1938
Author's Collection
Total Number Of Record :2"हिन्दू" शब्द की व्युत्पत्ति
किसी-किसी का मत है कि हिन्दू शब्द नदीवाचक सिन्धु शब्द का अपभ्रंश है और इंडस (Indus) अर्थात सिन्धु-शब्द से ही अँगरेजी शब्द इंडिया (India) की उत्पत्ति है। किसी-किसी का मत है कि अरबी हिन्द शब्द से अँगरेजी शब्द इंडिया निकला है। कोई कोई पंडित हिन्दू शब्द की सिद्धि संस्कृत व्याकरण से करते हैं और कहते हैं कि वह हिसि + दो + धातुओं से बना है और हीन अर्थात् बुरे या कुमार्गगामी लोगों को दोष या दराड देने वाले आर्यों का नाम है। बहुत आदमी हिन्दू शब्द को फ़ारसी भाषा का शब्द मानते हैं और उसका अर्थ चोर, डाकू, राहजन गुलाम, काला, काफिर आदि करते हैं। फ़ारसी में हिन्दू शब्द ज़रूर है और अर्थ भी उसका अच्छा नहीं है। इसी से इस शब्द के अर्थ की तरफ़ लोगों का इतना ध्यान गया है। सिन्धु से हिन्दू हो जाना या पुराने जमाने में हिन्दुओं को तुच्छ दृष्टि से देखने वाले मुसलमानों का, उनके लिए काफिर और ग़ुलाम आदि अर्थों का वाचक शब्द प्रयोग करना, कोई विचित्र बात भी नहीं। परन्तु पंडित धर्मानन्द महाभारती न तो इन अर्थों में से किसी अर्थ को मानते हैं और न हिन्दू-शब्द की आज तक प्रसिद्ध व्युत्पत्ति ही को क़बूल करते हैं। आपने पुरानी व्युत्पत्ति और पुराने अर्थ को गलत साबित करके हिन्दू शब्द की उत्पत्ति और अर्थ एक नए ही ढंग से किया है। आपने इस विषय पर, तीन चार वर्ष हुए, बॅगला भाषा में एक लेखमालिका निकाली थी। उसके उत्तर अंश का मतलब हम यहां पर, संक्षेप में, देते है--
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