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भारत-दर्शन का जुलाई-अगस्त 2025 अंक आपको भेंट।
कथा-सम्राट मुंशी प्रेमचंद विशेषांक प्रेमचंद साहित्य पर केन्द्रित है, जिसमें उनकी रचनाओं के साथ-साथ उनके जीवन और कृतित्व से संबंधित सामग्री को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया है।
जुलाई-अगस्त अंक की कहानियों में मुंशी प्रेमचंद की 'सौत', 'रानी सारन्धा', 'आभूषण', 'प्रायश्चित', 'घासवाली', 'नमक का दारोगा', 'बड़े घर की बेटी' और 'राजा हरदौल' सहित अनेक कालजयी कहानियाँ सम्मिलित की गई हैं।
लघुकथाओं में मुंशी प्रेमचंद की 'जादू', 'बाबाजी का भोग' और 'कश्मीरी सेब' शामिल की गई हैं।
लोक-कथाओं में इसबार लियो टॉलस्टॉय की लोककथा 'दयामय की दया', जिसका अनुवाद प्रेमचंद ने किया था।
बाल-साहित्य में मुंशी प्रेमचंद की 'दक्षिणी अफ्रीका में शेर का शिकार', 'बनमानुस की दर्दनाक कहानी' और 'शेर और लड़का' को स्थान दिया गया है।
आलेखों और संस्मरणों में स्वयं प्रेमचंद का अध्यक्षीय भाषण 'साहित्य का उद्देश्य' और आलेख 'मैं कहानी कैसे लिखता हूँ' प्रमुख हैं। साथ ही, शिवरानी देवी प्रेमचन्द की कृति 'प्रेमचंद : घर में' से अंश, श्रीपत राय का 'प्रेमचंद : जीवन और साहित्य' गजानन माधव मुक्तिबोध का का 'मेरी माँ ने मुझे प्रेमचंद का भक्त बनाया', बलराम अग्रवाल का 'प्रेमचंद की लघु-कथा रचनाएं', शैलेंद्र चौहान का 'प्रेमचंद की विचार यात्रा', सुशील शर्मा का 'प्रेमचंद और समकालीन सामाजिक विषमता' और रोहित कुमार 'हैप्पी' का आलेख 'प्रेमचंद की पत्रकारिता' सम्मिलित हैं।
बनारसीदास चतुर्वेदी का प्रेमचंद से साक्षात्कार 'प्रेमचन्दजी के साथ दो दिन', और स्व॰ कमलकिशोर गोयनका से बातचीत में उद्घाटित 'प्रेमचंद गरीब थे, यह सर्वथा तथ्यों के विपरीत है' पढ़ें।
संस्मरणों में बनारसीदास चतुर्वेदी का संस्मरण, 'रिस्टवॉच', और 'प्रेमचंद के पत्र', महादेवी वर्मा का संस्मरण 'प्रेमचंदजी', अमृतराय का संस्मरण 'ख़ास कहानी' और नागार्जुन का काल्पनिक रेखाचित्र 'एक सपना' पठनीय है।
व्यंग्य में हरिशंकर परसाई का प्रसिद्ध व्यंग्य 'प्रेमचंद के फटे जूते' प्रस्तुत है।
'प्रेमचंद: कवियों की नज़र में' के अंतर्गत प्रेमचंद के प्रति कवियों के उद्गार पढ़ें।
कविताओं में प्रेमचंद को कवियों ने किस तरह देखा, यह जानने के लिए गुलज़ार की 'प्रेमचंद', नज़ीर बनारसी की नज़्म 'प्रेमचन्द', गौरीशंकर मिश्र 'द्विजेन्द्र' की कविता 'प्रेमचंद', नागार्जुन की 'लो, देखो अपना चमत्कार', केदारनाथ अग्रवाल की 'प्रेमचंद', डॉ. दिनेश चमोला 'शैलेश' की कविता 'भावर्षि प्रेमचंद तुम्हें प्रणाम', और सुशील शर्मा की आप कहाँ हो प्रेमचंद पढ़ें।
प्रेमचंद पर सुशील शर्मा के दोहे पठनीय हैं।
ग़ज़ल में अदम गोंडवी की 'मानवता का दर्द लिखेंगे...' शामिल है।
हास्य कविता के अंतर्गत शैल चतुर्वेदी की 'मूल मंत्र' आपको गुदगुदाएगी।
रोचक के अंतर्गत 'कथा-सम्राट प्रेमचंद की पसंदीदा कहानियाँ', 'प्रेमचंद के किस्से' और 'क्या आप जानते हैं?'
गंभीर से दिखने वाले प्रेमचंद के किस्सों में उनके व्यंग्य-बाण और ठहाके खासे मशहूर हैं। प्रेमचंद के किस्से में पढ़िए--शिवरानी के नाम: प्रेमचंद के पत्र, प्रेमचंद का कोट, भाग आए थे प्रेमचंद मायानगरी से, मैं ही धोखे में था, खेल-खेल में, रुपए की चोरी इत्यादि।
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एंथोनी ट्रोलोप का आगमन | 3 अगस्त
एंथोनी ट्रोलोप (1815-1882), विक्टोरियन युग के सबसे प्रसिद्ध उपन्यासकारों में से एक थे। 1872 में 'ट्रोलोप' न्यूजीलैंड के दो महीने के दौरे पर आए। वे 3आचार्य शिवपूजन सहाय जयंती | 9 अगस्त
आचार्य शिवपूजन सहाय : साहित्यिक पत्रकारिता को दिशा प्रदान करने वाले आचार्य शिवपूजन सहाय का जन्म 9 अगस्त, 1893 को बिहार के उनवास, जिला शाहाबाद मेंबन्देमातरम समाचार पत्र स्थापना-दिवस | 6 अगस्त
6 अगस्त 1906 को 'बन्देमातरम' समाचार पत्र का प्रकाशन प्रारंभ हुआ था। यह पत्र अंग्रेजी में था लेकिन भारत में ‘बन्देमातरम्' पत्र ने राष्ट्रीय आंदोलनएनबीटी स्थापना दिवस | 1 अगस्त
1 अगस्त 1957 को राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (National Book Trust), भारत की स्थापना हुई थी। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास को अधिकतर 'एनबीटी' के नाम से जानाखुदीराम बोस स्मृति दिवस | 11 अगस्त
1908 का अप्रैल महीना। खुदीराम के दोस्तों ने देखा कि अचानक खुदीराम ने नए जूतों की एक जोड़ी खरीदी है। वे चकित हुए क्योंकि खुदीराम लंबेआचार्य प्रफुल्ल चंद्र राय जयंती | 2 अगस्त
आचार्य प्रफुल्ल चंद्र राय का जन्म 2 अगस्त, 1861 में जैसोर ज़िले के ररौली गांव में हुआ था। यह स्थान अब बांग्लादेश में है तथाकाकोरी कांड | 9 अगस्त
9 अगस्त 1925 की रात चंद्रशेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और राजेंद्र लाहिड़ी सहित कई क्रांतिकारियों ने लखनऊ से कुछ दूरी परराष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त जयंती | 3 अगस्त
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भीष्म साहनी को हिन्दी साहित्य में प्रेमचंद की परंपरा का अग्रणी लेखक माना जाता है। हिंदी साहित्य को 'तमस्' जैसे कालजयी उपन्यास देकर साहित्य कीमार्टिन लूथर किंग का अविस्मरणीय भाषण | 28 अगस्त
‘आई हैव ए ड्रीम' - मार्टिन लूथर किंग28 अगस्त 1963 को वाशिंगटन में मार्टिन लूथर किंग द्वारा दिया हुआ भाषण अविस्मरणीय है जिसमें उन्होंने अमेरिका