Hindi Short Stories by Premchand
प्रेमचंद के लघुकथा साहित्य की चर्चा करें तो प्रेमचंद ने लघु आकार की विभिन्न कथा-कहानियां रची हैं। इनमें से कुछ लघु-कथा के मानक पर खरी उतरती ?...
हल्कू ने आकर स्त्री से कहा-सहना आया है, लाओ, जो रुपए रखे हैं, उसे दे दूँ। किसी तरह गला तो छूटे।
मुन्नी झाड़ू लगा रही थी। पीछे फिर कर बोली-तीन ही तो रुपए हैं, दे...
एक आलोचक ने लिखा है कि इतिहास में सब-कुछ यथार्थ होते हुए भी वह असत्य है, और कथा-साहित्य में सब-कुछ काल्पनिक होते हुए भी वह सत्य है ।
इस कथन का आशय इसके सिवा औ?...
हमारे अँग्रेजीदाँ दोस्त माने या न मानें, मैं तो यही कहूँगा कि गुल्ली-डण्डा सब खेलों का राजा है। अब भी कभी लड़कों को गुल्ली-डण्डा खेलते देखता हूँ, तो जी लोट-...
Sadgati
दुखी चमार द्वार पर झाडू लगा रहा था और उसकी पत्नी झुरिया, घर को गोबर से लीप रही थी। दोनों अपने-अपने काम से फुर्सत पा चुके थे, तो चमारिन ने कहा, 'तो जाके पंड?...
बुंदेलखंड में ओरछा पुराना राज्य है। इसके राजा बुंदेले हैं। इन बुंदेलों ने पहाड़ों की घाटियों में अपना जीवन बिताया है। एक समय ओरछे के राजा जुझार सिंह थे।...
मैकूलाल अमरकान्त के घर शतरंज खेलने आये, तो देखा, वह कहीं बाहर जाने की तैयारी कर रहे हैं। पूछा--कहीं बाहर की तैयारी कर रहे हो क्या भाई? फुरसत हो, तो आओ, आज दो-चा...
मेरा जीवन सपाट, समतल मैदान है, जिसमें कहीं-कहीं गढ़े तो हैं, पर टीलों, पर्वतों, घने जंगलों, गहरी घाटियों और खण्डहरों का स्थान नहीं है। जो सज्जन पहाड़ों की स?...
प्रेमचंद के साहित्य व भाषा संबंधित निबंध व भाषण 'कुछ विचार' नामक संग्रह में संकलित हैं। इसके अतिरिक्त 'साहित्य' का उद्देश्य में प्रेमचंद की अधिकांश सम्प?...
बनी हुई बात को निभाना मुश्किल नहीं है, बिगड़ी हुई बात को बनाना मुश्किल है। [रंगभूमि]
क्रिया के पश्चात् प्रतिक्रिया नैसर्गिक नियम है। [ मानसरोवर - सवासेर ग?...
बाबू चैतन्यदास ने अर्थशास्त्र खूब पढ़ा था, और केवल पढ़ा ही नहीं था, उसका यथायोग्य व्यवहार भी वे करते थे। वे वकील थे, दो-तीन गांवों में उनकी जमींदारी भी थी, ?...
प्रेमचंद अपनी वाक्-पटुता के लिए भी प्रसिद्ध हैं। धीर-गंभीर दिखने वाले 'प्रेमचंद' कर्म और वाणी के धनी थे। प्रेमचंद के बहुत से किस्से कहे-सुने जाते हैं। यहा...
प्रेमचंद ने बाल साहित्य भी रचा है। 1948 में सरस्वती प्रेस से श्रीपतराय (प्रेमचन्द के पुत्र) ने 'जंगल की कहानियां' नामक पुस्तक प्रकाशित करवाई थी जिसमें प्रेम...
सरस्वती प्रेस से श्रीपतराय (प्रेमचन्द के पुत्र) ने 1948 में 'जंगल की कहानियां' नामक पुस्तक प्रकाशित की थी जिसमें प्रेमचंद की 12 बाल कहानियां हैं। इन बाल कहा?...
बच्चो, शेर तो शायद तुमने न देखा हो, लेकिन उसका नाम तो सुना ही होगा। शायद उसकी तस्वीर देखी हो और उसका हाल भी पढ़ा हो। शेर अकसर जंगलों और कछारों में रहता है। क?...
होली का दिन है। लड्डू के भक्त और रसगुल्ले के प्रेमी पंडित मोटेराम शास्त्री अपने आँगन में एक टूटी खाट पर सिर झुकाये, चिंता और शोक की मूर्ति बने बैठे हैं। उ?...
मुंशी प्रेमचंद को उनके समकालीन पत्रकार बनारसीदास चतुर्वेदी ने 1930 में उनकी प्रिय रचनाओं के बारे में प्रश्न किया, "आपकी सर्वोत्तम पन्द्रह गल्पें कौनसी है?...
गंगी का सत्रहवाँ साल था, पर वह तीन साल से विधवा थी, और जानती थी कि मैं विधवा हूँ, मेरे लिए संसार के सुखों के द्वार बन्द हैं। फिर वह क्यों रोये और कलपे? मेले से ...
नामों को बिगाड़ने की प्रथा न-जाने कब चली और कहाँ शुरू हुई। इस संसारव्यापी रोग का पता लगाये तो ऐतिहासिक संसार में अवश्य ही अपना नाम छोड़ जाए। पंडित जी का न?...
ईश्वरी एक बड़े जमींदार का लड़का था और मैं एक गरीब क्लर्क का, जिसके पास मेहनत-मजूरी के सिवा और कोई जायदाद न थी। हम दोनों में परस्पर बहसें होती रहती थीं। मैं ...
आज पूरे 60 वर्ष के बाद मुझे मातृभूमि-प्यारी मातृभूमि के दर्शन प्राप्त हुए हैं। जिस समय मैं अपने प्यारे देश से विदा हुआ था और भाग्य मुझे पश्चिम की ओर ले चला ?...
दिलफ़िगार एक कँटीले पेड़ के नीचे दामन चाक किये बैठा हुआ खून के आँसू बहा रहा था। वह सौन्दर्य की देवी यानी मलका दिलफ़रेब का सच्चा और जान देने वाला प्रेमी था...
आज हम तुम्हें एक बनमानुस का हाल सुनाते हैं। सामने जो तसवीर है, उससे तुम्हें मालूम होगा कि बनमानुस न तो पूरा बंदर है, न पूरा आदमी। वह आदमी और बन्दर के बीच मे?...
बेनीमाधव सिंह गौरीपुर गाँव के जमींदार और नम्बरदार थे। उनके पितामह किसी समय बड़े धन-धान्य संपन्न थे। गाँव का पक्का तालाब और मंदिर जिनकी अब मरम्मत भी मुश्...
‘सोज़े वतन' प्रेमचंद का पहला कहानी संग्रह है। तब वे 'नवाब राय' के नाम से उर्दू में लिखते थे। इस संग्रह में पाँच कहानियाँ हैं, जो देश-प्रेम और आजादी के दीवा?...