दम में नहीं है दम कोई फिर भी नहीं है कम
हर शख़्स कह रहा है कि आगे रहेंगे हम

शेरो सुख़न की दुनिया में कुछ ऐसे खो गया
सुख में रहा न खुश कभी दुख का रहा न ग़म

कुर्सी पे बैठकर वही औक़ात भूला है
झूठा है खानदानी जो मक्कार है परम

कलियुग का सच यही है कि सच पे है भारी झूठ
सच-सच है प्यार कर ले तू नफ़रत करे अथम

झूठी चमक है दुनिया की झूठी है सांस ये
नाड़ी हकीम पकड़े है फिर भी गई वो थम

अच्छे बुरे का फैसला तो होगा हश्र में
करता है काम नेक जो आहिस्ता निकले दम

भौं आँख सब फड़क रही उल्टी निज़ाम की
विद'अत को मानता नहीं चाहे जो हो सनम

-निज़ाम फतेहपुरी 
ग्राम व पोस्ट मदोकीपुर
ज़िला-फतेहपुर (उत्तर प्रदेश), भारत 
ई-मेल : nizamfatehpuri@gmail.com