लिखना ज़रूरी है
खूब लिखिए
कागज और कलम की
बुनियाद
मज़बूत कीजिए।
क्योंकि
लिखना ज़रूरी है…
भाव के लिए
विचार के लिए
संवाद के लिए
जुड़ाव के लिए
प्रसार के लिए
प्रस्तुति के लिए
प्रभाव के लिए
प्रमोद के लिए
प्रमाण के लिए
लिखना भाषाओं को
आत्मीयता देता हैं
लिपियों को
जीवंतता
व्याकरण को भाव
और भाषा को परिधान
परिष्कार
और संस्कार
और अनुशासन भी
खूब लिखिए
जो लिखेगा
वो जागेगा
जो जागेगा
वो जगाएगा
जो जगाएगा
वो सुंदर, मधुर
और सुखद होगा
सुंदर, मधुर और सुखद
भाव के संयोग से
समृद्ध विचार
जाग्रत होते हैं
लिखना
सुखद एहसास
देते हैं
क्योंकि
जब तक लेखनी है
तब तक हम और आप
आदमी हैं।
-डॉ॰ साकेत सहाय