रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड साहित्य Hindi Literature Collections

कुल रचनाएँ: 188

Author Image

जानिए, भारत के पहले एम्स की स्थापना कैसे हुई

क्या आप जानते है कि दिल्ली का अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स /AIIMS) कैसे बना था? इसकी स्थापना में न्यूज़ीलैंड की विशेष भूमिका थी। 
इसकी आधारशिला 1952 में रखी गयी और इसका सृजन 1956 में संसद के एक अधिनियम के माध्‍यम से एक स्‍वायत्त संस्‍थान के रूप में किया गया।
1952 में ...

पूरा पढ़ें...

पथ से भटक गया था राम | भजन

पथ से भटक गया था राम नादानी में हुआ ये काम छोड़ गए सब संगी साथीसंकट में प्रभु तुम लो थाम तू सबके दुःख हरने वालाबिगड़े संवारे सबके काम तेरा हर पल ध्यान धरुं मैंऐसा पिला दे प्रेम का जाम
- रोहित कुमार 'हैप्पी'
[ 27-06-96]
 
#
[उपरोक्त का दूसरा संस्करण]
पथ से भटक गया मैं राम...

पूरा पढ़ें...

कब लोगे अवतार हमारी धरती पर

फैला है अंधकार हमारी धरती परहर जन है लाचार हमारी धरती परहे देव! धरा है पूछ रही...कब लोगे अवतार हमारी धरती पर !
तुम तो कहते थे धर्म की हानि होगी जब-जबहर लोगे तुम पाप धरा के आओगे तुम तब-तबजरा सुनों कि त्राहि-त्राहि चारों ओर से होती हैकब लोगे अवतार हमारी धरती पर !
सीता झेल रही संताप रोके रुके नहीं...

पूरा पढ़ें...

प्रेमचंद की पत्रकारिता | आलेख


पत्रकारिता एक मिशन के रूप में
मुंशी प्रेमचंद को आमतौर पर उनके कथा-साहित्य के लिए जाना जाता है, लेकिन उनका पत्रकार व्यक्तित्व भी उतना ही महत्वपूर्ण है। उनके लिए पत्रकारिता केवल जीविका का साधन नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन और राष्ट्रीय जागरण का एक सशक्त माध्यम थी। वे मानते थे कि साहित्य "राजनीति ...

पूरा पढ़ें...

प्रेमचंद: कवियों की नज़र में

उपन्यास और कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद केवल एक लेखक नहीं, बल्कि एक युग-प्रवर्तक थे। उनका विराट व्यक्तित्व और आम आदमी के दुख-दर्द को वाणी देने वाली उनकी लेखनी ने न केवल पाठकों को, बल्कि कवियों को भी गहराई से प्रभावित किया। यही कारण है कि हिंदी-उर्दू के अनेक महत्वपूर्ण कवियों ने प्रेमचंद को अपनी कवित...

पूरा पढ़ें...

न्यूजीलैंड : जहाँ सबसे पहले मनता है नया-वर्ष

अंतर्राष्ट्रीय दिनांक रेखा के करीब अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण, न्यूजीलैंड नए साल का स्वागत करने वाले दुनिया के पहले देशों में से एक है। अंत: न्यूजीलैंड में नया वर्ष दूसरे देशों से पहले मनाया जाता है। न्यूजीलैंड में नव-वर्ष और उससे अगले दिन सार्वजनिक अवकाश रहता है।
लोग क्या करते हैं?अधिकतर लोग न...

पूरा पढ़ें...

हस्तलिपि से आरंभ हुई थी न्यूज़ीलैंड की हिंदी पत्रकारिता


न्यूजीलैंड भारतीय पत्रकारिता में हिंदी प्रकाशन का अध्याय आंशिक रूप से ‘द इंडियन टाइम्स’ में 1992 में हस्तलिखित हिंदी रिर्पोटों के प्रकाशन से आरम्भ होता है, तथापि वास्तविक हिंदी प्रकाशन का श्रेय 'भारत-दर्शन' पत्रिका को जाता है चूंकि यही पत्रिका पूर्ण रूप से न्यूजीलैंड का पहला हिंदी प...

पूरा पढ़ें...

न्यूज़ीलैंड में हिंदी शिक्षण

हिंदी शिक्षण

न्यूज़ीलैंड में हिंदी शिक्षण 1945 से आरंभ हुआ। हिंदी शिक्षण ऑकलैंड में 1945 के आसपास पंडित अमीचन्द्र शर्मा द्वारा आरंभ हुआ था। पंडित अमीचन्द्र शर्मा फीजी से कुछ समय के लिए न्यूज़ीलैंड आए थे। वे मूलतः भारत से थे। फीजी में उन्होंने ‘हिंदी पोथी’ के सफल प्रयोग किए थे। उस सम...

पूरा पढ़ें...

फीजी हिंदी

फीजी हिंदी की क्र्चा करने से पहले हमें यह समझ लेना चाहिए कि फीजी हिंदी में अनेक देशज शब्दों यानी के वहाँ की फीजियन भाषा के शब्दों का समावेश है और उनका उच्चारण भी उससे प्रभावित है।  फीजियन भाषा जैसे लिखी जाती है, उसे हिंदी की भांति उसी प्रकार नहीं पढ़ा जाता। उदाहरण के तौर पर फीजी का नगर Nadi न...

पूरा पढ़ें...

भारत-दर्शन की कहानी संपादक की जुबानी

मैं 1988 के अंत में न्यूज़ीलैंड आया था। भारत से स्नातक की शिक्षा के बाद हिंदी-अँग्रेजी दोनों में पत्रकारिता की थी।
न्यूज़ीलैंड आने से पहले तक मैं पंजाब केसरी, दैनिक ट्रिब्यून, विश्व मानव, वीर प्रताप और हरिगंधा के अतिरिकत अनेक-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुका था। मेरी एक छोटी कहानी 'दूसरा रुख' को बरे...

पूरा पढ़ें...

हिंदी में न्यूज़ीलैंड का माओरी साहित्य


न्यूज़ीलैंड में तीन भाषाएं आधिकारिक रूप से मान्य हैं-- अंग्रेजी, माओरी और सांकेतिक भाषा। हिन्दी न्यूज़ीलैंड में सर्वाधिक बोली जाने वाली पाँचवीं भाषा है।  
माओरी न्यूजीलैंड के मूल निवासी हैं। इनका लोक साहित्य व्यापक है। यूँ तो न्यूज़ीलैंड की हिंदी यात्रा नौ दशकों से भी अधिक की हो चुकी है ल...

पूरा पढ़ें...

आज की कहानी | इतिहास में आज का दिन

यहाँ इतिहास में आज के दिन से संबंधित कथा-कहानी, किस्से व प्रसंग प्रकाशित किए जाएंगे। यह कथा-कहानी, किस्से या प्रसंग रोचक व ज्ञानवर्धक होंगे। 

पूरा पढ़ें...

फ़चिनो – जहाँ आधुनिक शिक्षा के संग गूंजती है प्राचीन भाषा की स्वर-लहरी

फ़चिनो स्कूल की स्थापना फरवरी 1997 में एक विशेष उद्देश्य के साथ की गई थी। इसे लंदन के प्रतिष्ठित सेंट जेम्स इंडिपेंडेंट स्कूलों की प्रेरणा से स्थापित किया गया था।.इसकी मूल भावना प्रारंभिक शिक्षा में आध्यात्मिक मूल्यों की पुनर्स्थापना, परंपरागत नैतिकता को संजोए रखना और अनुशासित अध्ययन को बढ़ावा देन...

पूरा पढ़ें...

चायवाला

गंगाधरन पहली बार भारत आया था। भारतीय मूल का होने के कारण उसकी भारत में काफी दिलचस्पी थी और वह भारत के बारे में और अधिक जानने के इरादे से ही इस बार छुट्टियों में भारत आ पहुंचा और देहली के किसी पांच सितारा होटल में जा ठहरा था।
पांच सितारा होटल में हर बार अंदर जाते हुए या बाहर आते वक्त दरबान उसे जो...

पूरा पढ़ें...

कहानी गिरमिट की

फीज़ी में अनुबंधित श्रम 

दीनबंधु सी. एफ. एंड्रयूज़ ने दक्षिण अफ्रीका व फीज़ी में बसे अनुबंधित श्रमिकों के लिए बहुत काम किया। वे सितंबर 1915 में अपने एक साथी 'डब्ल्यू. डब्ल्यू. पियरसन' के साथ फीज़ी के शर्तबंध मज़दूरों (Indentured Labourers) की परिस्थितयों की जानकारी लेने फीज़ी गये थे।
फीज...

पूरा पढ़ें...

होली से मिलते जुलते त्योहार


भारत व पड़ोसी देशों में तो होली मनाई ही जाती है। विश्व के कई देशों में होली-फाग से मिलते जुलते-त्योहार मनाये जाते हैं।
ऑस्ट्रेलिया के ब्रिज़बन (Brisbane) नगर से 300 किमी दूर चिनचिला में 'चिनचिला मेलन फेस्टिवल' होता है। हर ओर तरबूज ही तरबूज। कहीं तरबूजों को जूतों की तरह पहन कर लोग दौड़ते ह...

पूरा पढ़ें...

हिंदी के दिलदार सिपाही

हिंदी के दिलदार सिपाही के अतर्गत हम ऐसे हिंदी सेवियों की जानकारी संकलित कर रहे हैं, जिन्होंने निस्वार्थ भाव से हिंदी की सेवा की। इनमें अनेक विदेशी भी सम्मिलित हैं, जिन्होंने हिंदी से अटूट स्नेह किया। आज हिंदी इनपर गर्व करती है। 

पूरा पढ़ें...

श्रमिक का गीत

रहा हाड़ ना मास मेराजानूँ हूँ इतिहास तेरा। हम धरती पर तंग हुए देवलोक में वास तेरा।          जानूँ हूँ इतिहास तेरा॥ खाऊँ, ओड़ूँ, इसे बिछौऊंकिया बड़ा विश्वास तेरा।            जानूँ हूँ इतिहास तेरा॥जो चाहे तू वो मैं बोलूँ ना बंधुआ, ना दास त...

पूरा पढ़ें...

धर्म निभा

कवि कलम का धर्म निभाकलम छोड़ या सच बतला।
जिनको भूख, गरीबी खाती लंबी सड़क ना सके डरा गीत उन्हीं का हमें सुना।            कवि कलम का धर्म निभा           कलम छोड़ या सच बतला।
खाते रोटी देखा सबको कुछ को रोटी जाती खा कलम उन्हीं को देख चला। &nb...

पूरा पढ़ें...

आज के हाइकु

भूख-गरीबीकरा देती है दूरबड़े करीबी।
#
औढ़ू, बिछाऊंभाषण तुम्हारा ये किसे खिलाऊँ? #
सेवक भाई!भाषण देता नहीं,रोटी-कपड़ा!
#
जाने दे यार देखा है हमने भीनेताई प्यार। #
सुनाता है तूभूखे को कोई राग दे रोटी-साग!
#
सपने अच्छे हैंलेने-देने को पर...पेट भरेंगे?
#
भाषण, नारे और कुछ जलसे क्या करते हैं...

पूरा पढ़ें...

कर्त्तव्यनिष्ठ

एक ने फेसबुक पर लिखा -पिताजी बीमार हैं...फिर अस्पताल की उनकी फोटो अपलोड कर दीफेसबुकिया यारों ने भी 'लाइक' मार-मार कर अपनी 'ड्यूटी' पूरी कर दी।
ये भाई अपने मोबाइल पर पिताजी की हालत 'अपडेट' करते रहे,पिताजी व्यस्त बेटे से बात करने को तरसते रहे...बेटे ने देखा पिताजी कुछ ज्यादा ढीले लग रहे हैं....पुर...

पूरा पढ़ें...

प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन, नागपुर, भारत

पहला विश्व हिंदी सम्मेलन 10-12 जनवरी, 1975 को नागपुर, भारत में आयोजित किया गया था।• संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में स्थान दिया जाए।• वर्धा में विश्व हिंदी विद्यापीठ की स्थापना हो।• विश्व हिंदी सम्मेलनों को स्थायित्व प्रदान करने के लिए ठोस योजना बनाई जाए।
...

पूरा पढ़ें...

हमें हिंदी से प्यार है

हिंदी से प्यार है?
अभी कुछ मित्रों ने 'हिंदी से प्यार है' नामक एक समूह की स्थापना की है। अच्छा विचार है। उनकी कई योजनाएँ हैं। आप भी जुड़ना चाहें तो जुड़ सकते हैं। 'भारत-दर्शन' से तो आप जुड़े ही हुए हैं। आपके स्नेह के लिए आभार। 
दादू कह गए-- 
आसिक मासूक ह्वै गया, इसक कहावै सोइ। दादू...

पूरा पढ़ें...

हिंदी

हिंदी के कवियों, लेखकों व साहित्यकारों का समारोह चल रहा था। बाहर मेज पर एक पंजीकरण-पुस्तिका रखी थी। जो भी आता उसे उस पुस्तिका में हस्ताक्षर करने थे। सभी आगंतुक ऐसा कर रहे थे। मैं भी पंक्ति में खड़ा था। अपना नम्बर आने पर मैं हस्ताक्षर करने लगा तो पुस्तिका में दर्ज सैंकड़ों हिंदी कवियों, लेखकों व स...

पूरा पढ़ें...

हाइकु - रोहित कुमार हैप्पी

दोस्त है कृष्ण तुम हर्जाना भरोसुदामा बन!
#
राम बननाडरना मत कभीबनवास से!
#
हाथ थमायावो अपना बनायाहाथ है, ना वो
#
चीर-हरण..आँखें ढूंढ रही हैं...कहाँ हो कृष्ण?
#
है मधुमासआंखे गंगा-जमुनासीया उदास
#
भूख-बेकारीबड़े-बड़े सपनेसामने बैंक
#
नशे में धुत्तमंडे टू संडे - रोजवो समदर्शी
#
बैंक बै...

पूरा पढ़ें...

रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड का जीवन परिचय