भूख-गरीबीकरा देती है दूरबड़े करीबी।
#
औढ़ू, बिछाऊंभाषण तुम्हारा ये किसे खिलाऊँ? #
सेवक भाई!भाषण देता नहीं,रोटी-कपड़ा!
#
जाने दे यार देखा है हमने भीनेताई प्यार। #
सुनाता है तूभूखे को कोई राग दे रोटी-साग!
#
सपने अच्छे हैंलेने-देने को पर...पेट भरेंगे?
#
भाषण, नारे और कुछ जलसे क्या करते हैं...
पूरा पढ़ें...