Hindi Stories | Jan-Feb 2015
Released: January 2015
इस अंक की कुल रचनाएँ : 115
भारत-दर्शन पत्रिका का यह नव-वर्ष प्रवेशांक 'कथा-कहानी विशेषांक' (Hindi Story) है। इस अंक में हिंदी कहानियाँ, कथाएं, लोक-कथाएं व लघु-कथाएं प्राथमिकता से प्रकाशित की गई हैं। इन विधाओं के अतिरिक्त आलेख, कविताएं, गीत, गज़लें व बाल-साहित्य प्रकाशित किया गया है। Read best Hindi stories in this Story Issue.
कथा-कहानी विशेषांक | जनवरी-फरवरी 2015
भारत-दर्शन की ओर से सभी पाठकों को नव-वर्ष की मंगल-कामनाएं!
अंतर्राष्ट्रीय दिनांक रेखा के करीब अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण, न्यूजीलैंड नए साल का स्वागत करने वाले दुनिया के पहले देशों में से एक है। अंत: न्यूजीलैंड में नया वर्ष दूसरे देशों से पहले मनाया जाता है।
नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर पढ़िए विशेष सामग्री! नेताजी की जयंती पर नेताजी के मनपसंद क़ौमी गीतों का संकलन यहाँ पढ़ें।
भारत-दर्शन की ओर से मकर संक्रांति पर शुभ-कामनाएं।
नव-वर्ष का यह प्रवेशांक 'कथा-कहानी विशेषांक' है। इस अंक में हिंदी कहानियाँ, कथाएं, लोक-कथाएं व लघु-कथाएं प्राथमिकता से प्रकाशित की गई हैं। कहानियों में जैनेन्द्र की 'पाजेब, प्रेमचंद की 'सद्गति', सुदर्शन की, 'कवि का चुनाव', कृष्णा सोबती की, 'मेरी माँ कहाँ', जयशंकर प्रसाद की, 'ममता' व मोहन राकेश की कहानी, 'मिस पाल' पढ़िए।
इस अंक में हिंदी के महाकवि निराला की रचनाओं को भी विशेष स्थान दिया गया है। महाकवि निराला का 21 फरवरी को जन्म-दिवस होता किंतु वे बसंत-पंचमी को ही अपना जन्म-दिवस मनाते थे। यदि महाकवि निराला से संबंधित सामग्री आपके पास उपलब्ध हो तो कृपया अवश्य भेजें।
निरालाजी की हस्तलिपि में लिखी उनकी कविता पढिए।
कथा-कहानी के अतिरिक्त पढ़िए - कविताएँ, गीत, दोहे, ग़ज़लें, आलेख, व्यंग्य, लघु-कथाएं व बाल-साहित्य।
'कथा-कहानी विशेषांक' आपको सादर भेंट!
मैथिलीशरण गुप्त की 'भारत-भारती' व 'रामावतार त्यागी की, 'मैं दिल्ली हूँ' भी पढ़ें।
हमारा प्रयास रहा है कि ऐसी सामग्री प्रकाशित की जाए जो इंटरनेट पर उपलब्ध नहीं है। आप पाएंगे की यहाँ प्रकाशित अधिकतर सामग्री केवल 'भारत-दर्शन' के प्रयास से इंटरनेट पर अपनी उपस्थिति दर्ज कर रही है । इस क्रम को आगे बढ़ाते हुए इस बार जैनेन्द्र की कहानी, 'पाजेब' प्रकाशित की गई है। पिछले अंक में हमने यशपाल की कहानी
'परदा' प्रकाशित की थी।
आशा है पाठकों का स्नेह मिलता रहेगा। आप भी भारत-दर्शन में प्रकाशनार्थ अपनी रचनाएं भेजें। हिंदी लेखकों व कवियों के चित्रों की श्रृँखला भी देखें। यदि आप के पास दुर्लभ चित्र उपलब्ध हों तो अवश्य प्रकाशनार्थ भेजें। इस अनूठे प्रयास में अपना सहयोग दें।