समस्त आर्यावर्त या ठेठ हिंदुस्तान की राष्ट्र तथा शिष्ट भाषा हिंदी या हिंदुस्तानी है। -सर जार्ज ग्रियर्सन।

शेरजंग गर्ग | Profile & Collections

डॉ गर्ग का जन्म 29 मई, 1937 को देहरादून में हुआ। हिन्दी में व्यंग्य-ग़ज़लें और इनका शोध-प्रबंध 'स्वातंत्र्‌योत्तर हिन्दी-कविता में व्यंग्य' चर्चित रहे।

'बाज़ार से गुज़रा हूं', 'दौरा अंतर्यामी का', 'क्या हो गया कबीरों को' और 'रिश्वत-विषवत' डॉ गर्ग की प्रमुख व्यंग्य-कृतियां हैं।

शेरजंग गर्ग's Collection

Total Records: 2

देश

ग्राम, नगर या कुछ लोगों का काम नहीं होता है देशसंसद, सड़कों, आयोगों का नाम नहीं होता है देश

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सीधा-सादा 

सीधा-सादा सधा सधा है इसी जीव का नाम गधा हैइसपर कितना बोझ लदा है पर रहता खामोश सदा है ढेंचू ढेंचू कह खुश रहता नहीं शिकायत में कुछ कहता काम करो पर नहीं गधे-सानाम करो पर नहीं गधे-सा-शेरजंग गर्ग [इक्यावन बाल कविताएँ, 2009, आत्माराम एंड संस, दिल्ली]

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