जब से हमने अपनी भाषा का समादर करना छोड़ा तभी से हमारा अपमान और अवनति होने लगी। - (राजा) राधिकारमण प्रसाद सिंह।

मुन्ने के साथी  (बाल-साहित्य )

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रचनाकार: नफे सिंह कादयान

चिडि़या ची ची करती है,
तोते ताली बजाते हैं,
सब मुन्ने के साथी हैं,
मिलकर उसे हँसाते हैं।
बाल संवारे बंदर नाई,
गीत सुनाने कोयल आई,
दूध मलाई बिल्ली लाई,
आप परोसे, आपे खाई,
बिल्ली मारे पंजा,
मुन्ना हो गया गंजा,
गंज पटिल्ला टोल्ला,
मारा सर पर ठोल्ला,
ठोल्ला झूठ-मूठ,
मुन्ना फैंके बूट,
खिलौना गया टूट,
मुन्ना गया रूठ,
नया खिलौना लाएंगे,
मुन्ना को मनाएंगे।

--नफे सिंह कादयान

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