कौन भला | बाल कविता

रचनाकार: रामेश्वर 'करुण'

कौन भला, जो पर सेवा में,
तन धन प्राण लगाता है ?
अथवा अपनी ही चिंता में, जिसका जीवन जाता है ?
कौन भला जो मातृभूमि की, वेदी पर बलिदान, हुआ ?
अथवा जो धन-धान्य कमा कर, लाखों का धनवान हुआ ?
कौन भला जो एका करके, प्रकटता निज शक्ति असीम ?
अथवा वह जो बैर बढ़ाकर, रटता फिरता राम-रहीम ?
कौन भला जो जैसे-तैसे, करके काम दिखाता है?
अथवा वह जो धर्म-कर्म को, बातें व्यर्थ बनाता है?
कौन भला जो विद्या-बल से, करता आविष्कारः नया ?
थोथे पोथे रटते-रटते, अथवा जिसका जन्म गया ?
कौन भला जो देश कार्य में, निज सर्वस दे जाता है ?
अथवा वह जो काट-कपट कर,
ऊँचे महल बनाता है ?

-रामेश्वर 'करुण'
 [1948]