परमात्मा से प्रार्थना है कि हिंदी का मार्ग निष्कंटक करें। - हरगोविंद सिंह।

काला कौआ (बाल-साहित्य )

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रचनाकार: जी० आर०

काला कौआ आओ! आओ!!
दूध कटोरी का पी जाओ!

काला कौआ आओ! आओ!!
दूध कटोरी लेते जाओ!

काला कौआ आओ! आओ!!
भात कटोरी का खा जाओ!

काला कौआ आओ ! आओ!!
मेरे लाला को समझाओ!

- जी० आर०

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