हिंदी का पौधा दक्षिणवालों ने त्याग से सींचा है। - शंकरराव कप्पीकेरी

यदि चूहे दहाड़ सकते (बाल-साहित्य )

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रचनाकार: रस्किन बॉण्ड

यदि चूहे दहाड़ सकते,
हाथी भर सकते उड़ान
और पेड़ उगते नभ में,
बिस्किट खा बाघ करते मदिरापान,
और सबसे मोटे लोग भी उड़ सकते!

यदि गीत गाते पत्थर
तो घंटियाँ कभी न बजतीं।
यदि शिक्षक पोस्ट में खो जाते;
और कछुए सरपट दौड़ पाते,
तो हार को जीत सकते
दबंगों का बना पाते टोस्ट

यदि गाने से वर्षा होती
और बंदूक से खिलतीं कलियाँ
तो सबसे बेहतर होती हमारी दुनिया!

-रस्किन बॉण्ड

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