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Archive of मुंशी प्रेमचंद विशेषांक जुलाई-अगस्त 2019 Issue
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भारत-दर्शन का प्रेमचंद विशेषांक आपको भेंट।
स्वतंत्रता दिवस पर शुभकामनायें !
पढ़िए 'रक्षा-बंधन' की पौराणिक कथाएँ, रक्षाबंधन के ऐतिहासिक प्रसंग, साहित्यिक संदर्भ, इसका इतिहास और रक्षा-बंधन पर कविता।
यह अंक 15 उपन्यास, 300 से अधिक कहानियाँ, 3 नाटक, 10 अनुवाद, 7 बाल पुस्तकें तथा हजारों पृष्ठों के लेख, भाषण, सम्पादकीय, भूमिकाएं व पत्र इत्यादि की रचना करने वाले प्रेमचंद को समर्पित!
यहाँ प्रेमचंद का विविध साहित्य प्रकाशित किया गया है। प्रेमचंद की कहानियों में 'मुंशी प्रेमचंद की लोकप्रिय कहानियां' प्रकाशित की गई हैं।
प्रेमचन्द की लघु-कथाओं में, 'जादू' के अतिरिक्त प्रेमचंद की अन्य लोकप्रिय लघुकथाएं भी प्रकाशित की गई हैं।
इसके अतिरिक्त 'बलराम अग्रवाल' का आलेख 'प्रेमचंद की लघु कथा रचनाएं' अत्यंत उपयोगी है।
प्रेमचंद के बाल-साहित्य में, 'शेर और लड़का' बच्चों को अवश्य रोचक लगेगी।
प्रेमचंद से संबंधित आलेखों में, प्रेमचंद की आत्मकथा, 'जीवन सार', शिवरानी (प्रेमचंद की पत्नी) की पुस्तक, 'प्रेमचंद : घर में' के अंश, 'धनपतराय से मुंशी प्रेमचंद तक का सफ़र', बनारसीदास चतुर्वेदी के संस्मरणों में, 'प्रेमचंद के पत्र', बनारसीदास चतुर्वेदी के 'प्रेमचंद के संस्मरण', 'प्रेमचन्दजी के साथ दो दिन' व शैलेन्द्र चौहान का आलेख, 'प्रेमचंद की विचार यात्रा'।
प्रेमचंद के बारे में कुछ जानकारी, जिनमें सम्मिलित है, 'प्रेमचंद की सर्वोत्तम 15 रचनाएं' व 'क्या आप जानते हैं?'
प्रेमचंद पर नई-नई जानकारी सामने लाने वाले डॉ कमल किशोर गोयनका से बातचीत, 'प्रेमचंद गरीब थे, यह सर्वथा तथ्यों के विपरीत है।' पढ़िए, क्यों डॉ गोयनका 'प्रेमचंद' को गरीब नहीं मानते, कौनसे तथ्य हैं जो प्रेमचंद की गरीबी के विपरीत संकेत करते हैं!
दिविक रमेश की चार कविताएँ। इसके अतिरिक्त दिविक रमेश के बाल साहित्य में, 'जब बांधूंगा उनको राखी'।
जयप्रकाश मानस की दो बाल-कविताएं।
इस अंक में स्वतंत्रता-दिवस से संबंधित रचनाओं को भी प्रमुखता से प्रकाशित किया गया है जिनमें सम्मिलित हैं कविताएँ, कहानियाँ व बाल-साहित्य।
स्वतंत्रता दिवस पर हम आपको 'वन्दे मातरम्' के विभिन्न संस्करणों से परिचित करवा रहे हैं, आइए पढ़ें -- वन्दे मातरम्! आज़ादी पर कुछ अन्य उत्कृष्ठ रचनाएं !
शहीदों से संबंधित सामग्री भी देखें।
रक्षा-बंधन से संबंधित सामग्री यहाँ पढ़ें।
कथा-कहानी के अतिरिक्त पढ़िए कविताएँ, दोहे, ग़ज़लें, आलेख, व्यंग्य, लघु-कथाएं व बाल-साहित्य।
"दुश्मन की गोलियों का, हम सामना करेंगे।
आज़ाद ही रहे हैं, आज़ाद ही मरेंगे॥"
उपरोक्त उद्घोष करने वाले चंद्रशेखर आज़ाद केवल एक क्रांतिकारी ही नहीं बल्कि महामानव भी थे। पं० चंद्रशेखर आज़ाद की जयंती 23 जुलाई को होती है, आइए उन्हें याद करें।
लघु-कथाओं के अंतर्गत गुलेरी की 'गालियां', 'भूगोल' व 'पाठशाला'। गुलेरी की कालजयी कहानी, 'उसने कहा था' का अगला भाग कही जाने वाली गुलेरी की कहानी, 'हीरे का हीरा' प्रकाशित की गई हैं। इसके अतिरिक्त उनकी कुछ कविताएं भी प्रकाशित गई हैं।
गुलेरी जी की कविताएं भी उनकी कहानियों से कम नहीं, उनकी कविता 'सोऽह' के तेवर देखिए -
करके हम भी बी० ए० पास
हैं अब जिलाधीश के दास ।
पाते हैं दो बार पचास
बढ़ने की रखते हैं आस ॥१॥
इस बार बंग महिला का दुर्लभ रोचक निबंध, 'चंद्रदेव से मेरी बातें' (जो सरस्वती में 1904 में प्रकाशित हुआ था) भी प्रकाशित किया गया है।
भारत-दर्शन का पूरा अंक पढ़ें।
सर एडमंड हिलेरी जयंती विशेष
सर एडमंड हिलेरी से रोहित कुमार 'हैप्पी' की बातचीत पढ़िए। यह साक्षात्कार 2007 में लिया गया था।
आशा है पाठकों का स्नेह मिलता रहेगा। आप भी भारत-दर्शन में प्रकाशनार्थ अपनी रचनाएं भेजें। हिंदी लेखकों व कवियों के चित्रों की श्रृँखला भी देखें। यदि आप के पास हिंदी साहित्यकारों के दुर्लभ चित्र उपलब्ध हों तो अवश्य प्रकाशनार्थ भेजें। इस अनूठे प्रयास में अपना सहयोग दें।
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