जा तू भी हँसता-बसता रह, अपनी कारगुज़ारी में
बस मुझको भी खुश रहने दे अपनी चारदीवारी में
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हास्य काव्य
इस श्रेणी के अंतर्गत
हज़ल | हास्य ग़ज़ल
जय बोलो बेईमान की | हास्य-कविता
मन मैला तन ऊजरा भाषण लच्छेदार
ऊपर सत्याचार है भीतर भ्रष्टाचार
झूठों के घर पंडित बाँचें कथा सत्य भगवान की
जय बोलो बेईमान की!
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घोटाला
पिछले साल
करोड़ों का हुआ घोटाला
घोटाले में फंस गया
मंत्री जी का साला
विपक्ष ने भी
इस मामले को खूब उछाला
तब मंत्रीजी ने
सरल-सुगम रास्ता निकाला
विपक्षी दल के नेता के पुत्र से
करवा दी साली की सगाई
इसलिए सच्चाई आज तक
सामने नहीं आई
कोई क्या के लेगा
इनका जब
हैं, चोर-चोर सभी मौसेरे भाई।
- गौरीशंकर मधुकर
सुकीर्ति प्रकाशन
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यमराज से मुलाक़ात
एक बार रास्ते में मुझे मिल गए यमराज ,
और बोले ,"बेटा ! तुम्हारे पाप के घड़ों का ड्रम भर गया है आज।"
मैं बोला , "प्रभु ! मैं तो जलेबी की तरह सीधा हूँ ,
क्यों मेरी शराफत पर ऊँगली उठा रहे हैं।
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फेसबुक बनाम फेकबुक
'फेसबुक' में
'बुक' तो ठीक है, पर...
'फेस'- 'फेक' है,
क्योंकि--
होता कुछ है, बताते कुछ हैं
करते कुछ हैं, दिखाते कुछ हैं।
यहाँ, हर कोई
खुशहाल दीखता है।
वास्तव में,
ऐसा होता नहीं है--
जिसकी अम्मा और बीवी
हररोज लड़ती हैं,
इसपर
उनकी फोटो भी,
लगी है--
हँसती-मुसकुराती
जैसे, सच को चिढ़ाती।
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