7 जुलाई को हिंदी साहित्य को 'उसने कहा था' जैसी कालजयी कहानी देने वाले पं. श्रीचंद्रधर शर्मा 'गुलेरी' की जयंती है। गुलेरी की केवल तीन कहानियाँ ही प्रसिद्ध है जिनमें 'उसने कहा था' के अतिरिक्त 'सुखमय जीवन' व 'बुद्धू का कांटा' सम्मिलित हैं। गुलेरी के निबंध भी प्रसिद्ध हैं लेकिन गुलेरी ने कई लघु-कथाएं और कविताएं भी लिखी हैं जिससे अधिकतर पाठक अनभिज्ञ हैं। पिछले कुछ दशकों में गुलेरी का अधिकतर साहित्य प्रकाश में आ चुका है लेकिन यह कहना गलत न होगा कि अभी भी उनकी बहुत सी रचनाएं अप्राप्य हैं। यहाँ गुलेरी जी के पौत्र डॉ विद्याधर गुलेरी, गुलेरी के एक अन्य संबंधी डॉ पीयूष गुलेरी व डॉ मनोहरलाल के शोध व अथक प्रयासों से शेष अधिकांश गुलेरी-साहित्य हमारे सामने है।
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रोचक
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चंद्रधर शर्मा 'गुलेरी' के बारे में क्या आप जानते हैं?
मुंशी प्रेमचंद का घटनाक्रम
मूल नाम : धनपत राय
घर का नाम: नवाब राय
जन्म: 31 जुलाई 1880,
जन्म स्थल: लमही, वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
पिता का नाम: मुंशी अजायब लाल
माता का नाम: श्रीमती आनंदी देवी
बहन: सुग्गी देवी (दो बहने और भी हुईं लेकिन जीवित न बची)
व्यवसाय: लेखन, संपादन
पत्नी: शिवरानी देवी प्रेमचंद
बच्चे:
बेटे: श्रीपतराय और अमृतराय
बेटी: कमला
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